N- टाइप अर्धचालक
जब किसी अर्धचालक में उसे उच्च वर्ग वाले तत्वों को अशुद्ध के रूप में मिलाकर उसकी चलकता को बढ़ाई जाती है तो इस प्रकार के अर्धचालक को न टाइप अर्धचालक कहा जाता है।
जैसे - में सिलिकॉन तथा आर्सेनिक को अशुद्ध के रूप में मिलाने पर न टाइप अर्धचालक बनाया जाता है।
P-टाइप अर्धचालक
जब किसी अर्धचालक में उसे निम्न वर्ग वाले तत्वों को अशुद्ध के रूप में मिलाकर उसकी चलकता को बढ़ाई जाती है तो पी टाइप अर्धचालक कहलाता है ।
जैसे सिलिकॉन के साथ बोरो मिलने पर छलकता को बढ़ाया जाता है ।
अर्धचालक का उपयोग
अर्धचालक का उपयोग डायोड रेक्टिफायर ट्रांजिस्टर तथा सोलर प्लेट के निर्माण में किया जाता है।
अर्धचालक की चालकता 10−7 से 104ओम−1मी−1 तक होती है।
जब किसी अर्धचालक को गर्म किया जाता है तो उसकी चलकता बढ़ जाती है किंतु सुचालक को गर्म किया जाता है तो उसकी चलकता घट जाती है क्योंकि उसका प्रतिरोध बढ़ जाता है